महान अल्लाह का अपने निकटवर्ती फ़रिश्तों के सामने, अपने नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की प्रशंसा करना।
हर वह बात जिसमें अल्लाह की महिमा बयान की गई हो और उससे प्रेम प्रकट किया गया हो।
आमीन एक शब्द है, जो सूरा फ़ातिहा पढ़ने के बाद और दुआ के पश्चात कहा जाता है। इसका अर्थ है, ऐ अल्लाह! ग्रहण कर ले।
माता-पिता की बात मानना और उनके साथ शब्द और कर्म दोनों से अच्छा व्यवहार करना, उनके जीवनकाल में भी और उनके मरने के बाद भी।
बंदे का अपने पालनहार से यह प्रार्थना करना कि उसके गुनाह माफ़ हो जाएँ और उसके बुरे प्रभावों से सुरक्षा प्राप्त हो जाए।
काफ़िर जिन्न का नाम, जो आग से पैदा हुआ है।
अल्लाह की निकटता प्राप्त करने के कारणवश, किसी चीज़ को करने के लिए, दिल का पक्का इरादा करना।
माता-पिता या दोनों में से किसी एक को संतान की ओर से होने वाला ऐसा कष्ट, जो समाज में मामूली न समझा जाता हो।
किसी चीज़ के बारे में वास्तविकता के विपरीत सूचना देना, चाहे जान-बूझकर हो या गलती से।
किसी इनसान की अनुपस्थिति में उसकी चर्चा ऐसी कमियों और खामियों के साथ करना, जो उसके अंदर हों और जिनकी चर्चा उसे पसंद न हो।
तक़वा (धर्मपरायणता) यह है कि इनसान अपने तथा महान अल्लाह एवं उसके अज़ाब और क्रोध के बीच, उसके आदेशों के पालन और उसके निषेधों से बचने के द्वारा आड़ बना ले।
पवित्र क़ुरआन की सूरा बक़रा की 255वीं आयत।
जाने अथवा अनजाने तौर पर सत्य से भटक जाना।
नफ़्स (आत्मा) का उस चीज़ की ओर झुकाव, जो उसे अच्छी लगे और जिसमें उसे आनंद मिले।
जान- बूझकर झूठी गवाही देना कि ग़लत उद्देश्यों की पूर्ति की जा सके।
गुनाह का काम छोड़ देना, उसपर शर्मिंदा होना, दोबारा गुनाह न करने का दृढ़ संकल्प लेना और जिन कामों को दोबारा करना संभव हो, उन्हें दोबारा करके क्षति को पूरा करना।
सत्य के विपरीत काम करना, चाहे वह कथन में हो या क्रिया में या आस्था में।
अल्लाह को हर कमी से पवित्र घोषित करना और उसके लिए हर कमाल को सिद्ध करना।
किसी व्यक्ति का कोई इबादत करते समय अल्लाह की प्रसन्नता की प्राप्ति के अतिरिक्त किसी और उद्देश्य को सामने रखना। उदाहरणस्वरूप, कोई इस उद्देश्य से कोई अमल करे कि लोग उसे देखें और उसकी प्रशंसा करें।
इस्लाम धर्म और अल्लाह तथा उसके रसूल (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) से उचित स्रोत द्वारा प्राप्त धर्म तथा धर्मादेशों को जानने का परिश्रम करना।
निकटवर्तियों पर उपकार तथा उनके साथ भला करना और उन्हें बुराई से बचाना।