मोमिन के ईमान की वह शक्ति जो आज्ञापालन और नेकी के कामों के कारण प्राप्त होती है तथा उसके ईमान की वह कमज़ोरी जो गुनाहों और हराम कामों में लिप्त होने के कारण पैदा होती है।
अल्लाह के रसूल मुहम्मद (सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम) के चार उत्तराधिकारी, जो आपकी मृत्यु के बाद बारी-बारी ख़लीफ़ा बने। इनसे अभिप्राय अबू बक्र सिद्दीक़, उमर बिन ख़त्ताब, उसमान बिन अफ़्फ़ान और अली बिन अबू तालिब (रज़ियल्लाहु अनहुम) हैं।
जाने अथवा अनजाने तौर पर सत्य से भटक जाना।
हर वह गुनाह, जिसका दुनिया में कोई दंड निर्धारित किया गया हो, आख़िरत में कोई सज़ा बताई गई हो या जो अल्लाह की लानत (धिक्कार) अथवा उसके क्रोध या ईमान के खंडन, का काराण बन जाता हो।