किसी बात की व्याख्या करना और उसका एक भाषा से दूसरे भाषा में अनुवाद करना।
अभिवादन के शब्द, जो एक मुसलमान अपने मुसलमान भाई से मिलने पर और विदाई के समय कहता है।
ऐसे कथन और कार्य जो 'अल्लाहु अकबर' से शुरू होते हैं और 'अस-सलामु अलैकुम व रहमतुल्लाह' पर समाप्त होते हैं।
नमाज़ी का रुकू से उठकर सीधे खड़े होने के बाद 'रब्बना व लकल-हम्द' कहना।
शरीर के अंगों का नमाज़ के सभी क्रिया-संबंधी आधारों में कुछ देर के लिए इस तरह स्थिर हो जाना कि सारे अंग अपने-अपने स्थान पर बराबर हो जाएं।