माता-पिता या दोनों में से किसी एक को संतान की ओर से होने वाला ऐसा कष्ट, जो समाज में मामूली न समझा जाता हो।
किसी चीज़ के बारे में वास्तविकता के विपरीत सूचना देना, चाहे जान-बूझकर हो या गलती से।
किसी इनसान की अनुपस्थिति में उसकी चर्चा ऐसी कमियों और खामियों के साथ करना, जो उसके अंदर हों और जिनकी चर्चा उसे पसंद न हो।
जाने अथवा अनजाने तौर पर सत्य से भटक जाना।
नफ़्स (आत्मा) का उस चीज़ की ओर झुकाव, जो उसे अच्छी लगे और जिसमें उसे आनंद मिले।