ऐसी शक्ति, जो किसी नाबालिग के अंदर पैदा होती और उसके नतीजे में वह बाल्यावस्था की सीमा से निकलकर पुरुषत्व अथवा स्त्रीत्व के दायरे में क़दम रख देता है।
इनसान की वह विशेषता, जिसके आधार पर अल्लाह ने उसे अन्य सभी जानदारों से अलग किया है और जिसके न पाए जाने के बाद आदमी धार्मिक आदेशों तथा निषेधों के अनुसरण का पाबंद नहीं रह जाता।