नर एवं नारी के बीच होने वाला ऐसा अनुबंध, जो जायज़ तरीक़े पर दोनों के एक-दूसरे से लाभ उठाने को जायज़ कर देता है।
वह अवधि जिसमें स्त्री मासिक धर्म तथा प्रसव के बाद आने वाले रक्त से पवित्र रहती है।
मुहर्रम महीने का दसवाँ दिन
निकाह के अनुबंध को, कुछ विशेष शब्दों या उनके स्थान पर प्रयोग होने वाले अन्य शब्दों के द्वारा,वर्तमान में या भविष्य में, पूर्णतया अथवा आंशिक रूप से, समाप्त कर देना।
गाने-बजाने के उपकरण, जैसे बाँसुरी आदि।
वह बातें और हिकमतें, जिनका ध्यान शरीयत के निर्माण के समय साधारणतया और विशेष रूप से रखा गया है और जिनके अंदर बंदों के हित निहित हैं।