महान अल्लाह का अपने निकटवर्ती फ़रिश्तों के सामने, अपने नबी मुहम्मद सल्लल्लाहु अलैहि व सल्लम की प्रशंसा करना।
सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह का वह ग्रंथ, जिसे उसने ईसा (अलैहिस्सलाम) पर उतारा था, जिसमें मार्गदर्शन और शिक्षा थी और जो पूर्ववर्ती ग्रंथ तौरात की पुष्टि के लिए उतरा था। ईसाइयों ने उसे ईसा (अलैहिस्सलाम) के आसमान पर उठा लिए जाने के बाद बदल डाला और पवित्र क़ुरआन के द्वारा उसके आदेशों को निरस्त कर दिया गया।
इस बात की सुदृढ़ पुष्टि करना कि सर्वशक्तिमान एवं महान अल्लाह ने हर समुदाय के अंदर रसूल भेजे, जो उन्हें एक अल्लाह की इबादत और उसके सिवा अन्य पूज्यों के इनकार की ओर बुलाते थे। साथ ही, अल्लाह के सवाब का सुसमाचार सुनाते थे और उसके दंड से सावधान करते थे और यह कि ये सभी लोग अल्लाह के भेजे हुए और सच्चे संदेष्टा थे।
इनसान की जान, माल और मान-सम्मान की सुरक्षा करना।
ऐसे शक्तिशाली, धैर्यवान, प्रतिष्ठावान, विवेकशील और सत्य पर दृढ़ता से जमे रहने वाले रसूल, जिनकी ओर अल्लाह ने वह्य की है और जिन्हें अपने धर्म के प्रचार का आदेश दिया है। ये रसूल हैं : नूह, इबराहीम, मूसा, ईसा और मुहम्मद (अलैहिमुस सलातु वस्सलाम)।