वो पृष्ठ, जिनमें पवित्र क़ुरआन को आयतों और सूरतों की उसी तरतीब के साथ जमा किया गया हो, जिसपर उसमान (रज़ियल्लाहु अनहु) के शासनकाल में उम्मत एकमत हो चुकी है।
क़ुरआनी आयतों का एक विशेष समूह, जिसका आरंभ तथा अंत और विशेष नाम हो एवं तीन आयतों से कम का न हो।
अल्लाह की निकटता, उसके आज्ञापालन द्वारा या उससे फ़रियाद करके प्राप्त करना। जब ऐसा उसके अनुग्रह की चाहत और उसके दंड के भय से हो।