क़बीला, ख़ानदान अथवा रंग एवं नस्ल आदि के आधार पर किसी ऐसे व्यक्ति का पक्ष लेना तथा बचाव करना, जिसका मामला तुम्हारी नज़र में महत्वपूर्ण हो, चाहे वह सत्य पर हो अथवा असत्य पर।
किसी चीज़ के बारे में वास्तविकता के विपरीत सूचना देना, चाहे जान-बूझकर हो या गलती से।
जान- बूझकर झूठी गवाही देना कि ग़लत उद्देश्यों की पूर्ति की जा सके।